लखनऊ– पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण के विरोध पर विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के नेतृत्व में सोमवार को बिजलीकर्मियों और अभियंताओं ने प्रदेशव्यापी कार्य बहिष्कार किया। राजधानी लखनऊ के शक्ति भवन में हजारों की संख्या में कर्मचारियों ने जमकर प्रदर्शन किया। इस दौरान संघर्ष समिति के संयोजक शैलेन्द्र दुबे ने कहा कि पावर कॉरपोरेशन प्रबंधन से निजीकरण प्रक्रिया वापस लेने की मांग की। उन्होंने कहा कि पांच अप्रैल 2018 को ऊर्जा मंत्री श्रीकान्त शर्मा के साथ हुए लिखित समझौते ‘‘उप्र में विद्युत वितरण निगमों की वर्तमान व्यवस्था में ही विद्युत वितरण में सुधार हेतु कर्मचारियों एवं अभियन्ताओं को विश्वास में लेकर सार्थक कार्यवाही की जायेगी। कर्मचारियों एवं अभियन्ताओं को विश्वास में लिये बिना उप्र में किसी भी स्थान पर कोई निजीकरण नही किया जायेगा’’ का पालन करते हुये पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के निजीकरण की प्रक्रिया को तत्काल निरस्त करने की मांग की। संघर्ष समिति के प्रतिनिधियों ने यह भी कहा कि समझौते के अनुसार प्रबन्धन बिजली कर्मचारियों, जूनियर इंजीनियरों एवं अभियन्ताओं को विश्वास में लेकर सार्थक कार्यवाही करें, जिस पर प्रबन्धन द्वारा कुछ भी पहल नही की गयी। संघर्ष समिति ने पुनः प्रस्ताव दिया कि समझौते के अनुसार निजीकरण की प्रक्रिया तत्काल निरस्त कर सुधार की कार्य योजना बनाई जाय जिसके लिये बिजलीकर्मी संकल्पबद्ध है।