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पशु विभाग के गौरख धंधे का पर्दाफाश,रात के साये में सरकार के मंसूबों पर फेरा जाता है पानी।


अलीगढ़ उत्तर प्रदेश:- पशु विभाग के गौरख धंधे का पर्दाफाश,रात के साये में सरकार के मंसूबों पर फेरा जाता है पानी।

सरकार के द्वारा किसानों के लिए चलाई जारही तरह तरह की योजनाओं का लाभ आम जनता तक किंस तरह से पहुँचता है इसका अंदाजा आप खुद लगा सकते है,बेशक सरकार के द्वारा आम जनता के लिए महत्वाकांक्षी योजनाओं का शिलान्यास किया जाता हो लेकिन आम जनता को जमीनी स्तर इसका कितना लाभ आम जनता को मिल पाता है आप इन तश्वीरों से साफ अंदाजा लगा सकते है,इन तश्वीरों के सामने आने से पशु विभाग के द्वारा किये गए गौरख धंधे का पर्दाफाश होगया है,साथ ही सरकार के मंसूबों पर पानी फेरने वाले विभाग की जमीनी हकीकत भी सामाने आगई है।

दरअसल पूरा मामला अलीगढ़ के खैर तहसील में स्थित टप्पल पशुचिकित्सालय का है जहां पर सरकार की योजनाओं के तहत जेई नाम बीज किसानों को सरकारी मूल्य पर वितरित किया जाता है जिससे वह अपने पशुओं का पालन पोषण करसके ओर देश की आर्थिक स्थिति में अपना सहयोग करसके लेकिन टप्पल के पशुचिकित्सालय के द्वारा अपनी सरकारी गाड़ी से देर रात उसी बीज को प्राइवेट दुकानदार को बेचा जारहा था, जिसको लेकर जब मीडिया को इसकी खबर हुई तो मीडिया के द्वारा खबर करने की कोशिश की गई तो दुकानदार के द्वारा दुकान का सटर बन्द करदिया गया,साथ ही पशु विभाग के कर्मी भी कैमरे से बचते नजर आए वहीं दूसरे ओर सरकारी पशुविभाग की गाड़ी से उतर रहे सरकारी बीज की बोरिया पूरी तरह से सील नजर आरही थी साथ ही साफ शब्दों में उनके ऊपर सरकारी टैग लगा हुआ है पशुविभाग के गौरख धंदे की वजह से आम जनता तक सरकार की महत्वाकांक्षी योजना नहीं पहुँच पाती और सरकारी कर्मचारियों के बंदर बांट की वजह से ही आम जनता को इसका लाभ नहीं मिल पाता क्या ऐसे अधिकारी और विभागीय कर्मचारियों पर कोई कार्यवाही होगी या नही ये देखना अभी बाकी है।

वहीं पूरे मामले पर मुख्य पशु चिकिसाधिकारी बीपी सिंह के द्वारा जानकारी देते हुए बताया गया था देर रात अलीगढ़ मुख्यालय से बीज टप्पल भेजा गया था पशु चिकित्सालय की चाबी ना होने की वजह से प्राइवेट दुकान में माल उतारा गया था,पूरे मामले पर टप्पल चिकिसाधिकारी से स्पष्टीकरण मांगा जायेगा।

दूसरी ओर अगर बात टप्पल चिकिसाधिकारी की कही जाये तो उनके द्वारा जानकारी देते हुए बताया गया जेई का बीज कर्मचारी के फोन ना उठाने के कारण पड़ोस के निजी खाद्द दुकान पर उतर वाया जारहा था जिसे सुबह वापस मंगा लिया जाता।

अगर बात काले कारनामे के सच उजागर करने की कही जाये तो पशुचिकित्सालय की गाड़ी चलाने वाले ड्राइवर के द्वारा बताया गया उनके द्वारा लगभग 2 से 3 साल से इसी तरह इस गोदाम में माल को उतारा जाता है।

सरकार के मंसूबों को पैरों तले कुचलने वाले अधिकारियों के द्वारा पूरे मामले की लीपापोती करते हुए मामले को दबाने की कोशिश की जारही है ,आम जनता को दिए जाने वाले लाभ का जमकर बंदरबांट किया जारहा है क्या आलाधिकारी भी इस कड़ी से जुड़े हुए है ये देखना अभी बाकी है।

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