Ad Code

Responsive Advertisement

बेटे के खाते में आए मिड-डे मील के पैसे से पिता ने पी डाली शराब।

गोरखपुर– मेरे दो बच्चे प्राथमिक विद्यालय सहजनवा प्रथम में पढ़ते हैं। बच्चों के मिड-डे मील के लिए पति के खाते में 450 रुपये आए थे। पति ने उन रुपयों को निकालकर शराब पी डाली। मना करने पर मारपीट पर उतारू हो गया। यह दर्द है सहजनवा के वार्ड नंबर 14 में रहने वाली किस्मती देवी का। इसी तरह की शिकायत बसडीला की एक महिला ने भी की है। उसके तीन बच्चे बसडीला प्राथमिक विद्यालय में पढ़ते हैं। तीनों बच्चों के लिए मिड-डे मील के 750 रुपये महिला के पति के खाते में आए थे। जानकारी होते ही पति ने रुपये निकालकर शराब पर दो दिन में फूंक डाले। इसी तरह की शिकायत नदवर अपर प्राइमरी स्कूल में पढ़ने वाले तीन बच्चों की मां ने भी की है। यह तीनों घटनाएं तो बानगी हैं। प्रधानाध्यापकों से लेकर बीएसए दफ्तर तक आए दिन इस तरह की शिकायतें आ रही हैं। बच्चों के पोषण के लिए सरकार की ओर से दी जा रही मदद नशे में उड़ाई जा रही है। ऐसी शिकायतों पर शिक्षा विभाग भी अलर्ट हो गया है। बेसिक शिक्षा अधिकारी बीएन सिंह ने सभी खण्ड शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि रैंडम सर्वे करें और यह पूछें कि मिड-डे मील का जो पैसा खाते में आ रहा है उसका बच्चों के पोषण में इस्तेमाल हो रहा है या नहीं। बच्चों की मां से इसकी जानकारी लें। अगर कहीं भी कोई संदेह लगे तो मां या बच्चे का खाता नम्बर लें और मिड-डे मील का पैसा मां या फिर बच्चे के खाते में भेजें। बीएसए बताते हैं कि शिकायतें मिलने के बाद आधा दर्जन से ज्यादा मामलों में खाते बदल दिए गए हैं। इन बच्चों के पिता की जगह मां के खाते को लिंक कराया गया है। दो महिलाओं ने जनधन योजना के तहत  खाते भी खुलवा लिए हैं। कोरोना के चलते जनता कर्फ्यू यानी 22 मार्च के बाद से ही स्कूल बंद हैं। इस अवधि का मिड-डे मील का पैसा करीब पौने दो लाख प्राइमरी और अपर प्राइमरी स्कूल के बच्चों या उनके अभिभावकों के खाते में भेजा जा रहा है। इसमें प्राइमरी के बच्चों को रोजाना के हिसाब से 4.97 रुपये और अपर प्राइमरी के बच्चों को 7.51 रुपये की दर से मिल रहा है। आटा और चावल अलग से मिल रहा है। “कुछ मामले संज्ञान में आए में हैं। यह बेहद गंभीर मामला है। सभी बीईओ को निर्देश दिया गया है कि वे रोजाना रैंडम घरों पर जाकर बच्चों और उनकी मां से बात करें कि जो पैसा खाते में आ रहा है उनका सदुपयोग हो पा रहा है या नहीं”। 

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ