नई दिल्ली: धरती के एक क बड़े हिस्से में की चुंबकीय शक्ति (Magnetic Force) कमजोर हो चुकी है। इसकी कमजोरी का अंदाजा इस बात से पता लगा सकते हैं कि अगर इस इलाके के ऊपर से विमान गुजरता है तो उससे संपर्क स्थापित करने में परेशानी हो सकती है। ये आने वाले समय में और भी खतरनाक हो सकती है। NASA के मुताबिक अफ्रीका से लेकर दक्षिण अमेरिका (Africa To South America) तक की दूरी में धरती के अंदर मैग्नेटिक फील्ड की शक्ति कम हो गई है। जिस हिस्से में चुंबकीय शक्ति (Magnetic Force) कमजोर हुई है, वह दस हजार किलोमीटर तक फैला हुआ है।

जानकारी के मुताबिक, सामान्य तौर पर मैग्नेटिक फील्ड (Magnetic Force) की शक्ति 32 हजार नैनोटेस्ला (Nanotesla) होनी चाहिए लेकिन पिछले कुछ सालों में घटकर 22 हजार नैनोटेस्ला (Nanotesla) तक हो गई है। नासा का कहना है कि अगर इसकी क्षमता ऐसे ही घटती रही तो आने वाले समय में धरती के लिए खतरा हो सकता है।

NASA के वैज्ञानिकों के मुताबिक पिछले 200 सालों में धरती की चुंबकीय शक्ति (Magnetic Force) में तकरीबन 9% की कमी आई है। लेकिन अफ्रीका से दक्षिण अमेरिका (Africa To South America) में ये आंकड़ा बहुत ज्यादा है। अफ्रीका से दक्षिण अमेरिका तक के इलाके के ऊपर चुंबकीय सुरक्षा लेयर कमजोर हो गई है।

कितना खतरनाक है ये?

अब सवाल ये है कि चुंबकीय सुरक्षा लेयर (Magnetic Safety Layer) कमजोर होने से कितना खतरा हो सकता है। इसके खतरे को समझाने के लिए नासा का कहना है कि इस पूर इलाके में अंतरिक्ष से आने वाली रेडिएशन का असर ज्यादा हो सकता है।

जर्मन रिसर्च सेंटर शोधकर्ता जर्गेन मात्ज्का (Jurgen Matzka) बताते हैं कि पिछले कुछ सालों में अफ्रीका से दक्षिण अमेरिका तक के इलाके में चुंबकीय शक्ति तेजी से कम होती जा रही है। उनके मुताबिक ये कमी धरती के केंद्र में हो रहे बदलावों की वजह से भी हो सकती है।

जर्गेन (Jurgen Matzka) के मुताबिक, धरती की चुंबकीय शक्ति 2.50 लाख साल में बदलती है। लेकिन अभी इसमें काफी साल बाकी है। चुंबकीय शक्ति के द्वारा ही सैटेलाइट, मोबाइल, चैनल जैसी सभी तरह की संचार प्रणालियां काम कर रही हैं। ऐसे में अगर अभी से इसमें बदलाव होता गया तो आने वाले समय में ये सब बंद हो सकता है।