कोरोना वैक्सीन की रिसर्च के लिए खुद संक्रमित होने को तैयार
सोफी रोज ऑस्ट्रेलिया के ब्रिस्बेन की रहने वाली हैं
स्टैंनफोर्ट यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएट सोफी ने कैंपेन शुरू किया है
सोफी रोज ऑस्ट्रेलिया के ब्रिस्बेन की रहने वाली हैं। उन्होंने कहा कि वैक्सीन मिलने से लाखों लोगों की जिंदगी बचाई जा सकती है। मानवता की भलाई के लिए मैं अपनी जिंदगी पर खतरा उठाने को तैयार हूं।
आपको बता दें स्टैंनफोर्ट यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएट सोफी ने एक कैंपेन शुरू किया है। इसके तहत वैक्सीन के रिसर्च में तेजी लाने के लिए वह सभी देशों से अपील कर रही हैं। वह अपील कर रही हैं कि वैक्सीन तैयार करने के लिए ह्यूमन चैलेंज ट्रायल शुरू किया जाए।
नाक में ही वायरस मार देने का दावा
कोरोना वायरस को खत्म करने के लिए दुनिया भर में कोशिशें जारी है। वैज्ञानिकों की टीम और डॉक्टर्स दिनरात रिसर्च में लगे हैं। कोविड-19 वायरस को रोकने के लिए नई-नई तकनीक का इस्तेमाल हो रहा है। अमेरिका ने अब दावा किया है कि नैनोबॉडीज एंटी कोरोना स्प्रे से कोविड-19 के वायरस को मारा जा सकता है।
जानकारी के अनुसार, नैनोबॉडीज से बने एंटी कोरोना स्प्रे को इनहेलर की तरह प्रयोग करना है। यह नाक में ही कोरोना वायरस को खत्म कर देगा और शरीर के अन्य भागों में जाने से रोकेगा। वैज्ञानिकों का दावा है कि स्प्रे को नाक में इनहेल करने से यह हमारे शरीर में फैलने वाले वायरस को नाम में ही मार देता है। इस वजह से वायरस गले से होते हुए हमारे शरीर के अन्य हिस्सों तक नहीं पहुंच पाता है और संक्रमण रुक जाता है।
कैसे तैयार किया गया है स्प्रे
वैज्ञानिकों ने बताया कि सबसे पहले एंटीबॉडीज से नैनोबॉडीज का निर्माण किया गया। लैब में नैनोबॉडीज को विकसित करते समय इन्हें जेनेटिकली मॉडिफाई किया गया है। ताकि ये खासतौर पर कोरोना वायरस को रोकने का काम करें। इनका प्रभाव मुख्य रूप से कोरोना वायरस की बाहरी परत पर होता है, जो प्रोटीन से निर्मित है।
लामा और ऊंट जैसे जानवरों से तैयार की गई नैनोबॉडीज
टीम ने बताया कि इस इनहेलर को बनाने में लामा और ऊंट जैसे जानवरों में पाई जानेवाली एंटीबॉडीज से नैनोबॉडीज को तैयार किया गया है। ये शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को कई गुना बढ़ाने का काम करती हैं।
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