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पीएम नरेंद्र मोदी को उम्मीदों भरी 19 पन्ने चिट्ठी लिखी,नाबालिक छात्रा ने किया सुसाइड।

संभल- दुनिया में भिन्न भिन्न प्रकार के लोग हैं कुछ देश और समाज के हालातों को बिगाड़ने में लगे हैं तो कहीं कुछ देश और समाज के लिए चिंतित हैं इनमें से एक 15 वर्षीय हाई स्कूल की छात्रा, जो देश और समाज के हालत देखकर इतनी व्यथित हो उठी कि फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली फांसी लगाने से पहले छात्रा ने पीएम नरेंद्र मोदी को उम्मीदों भरी चिट्ठी लिखी पीएम को लिखे 19 पन्ने के सुसाइड नोट में छात्रा ने दुनिया छोड़ने से पहले देश और समाज के हालात पर चिंता जाहिर की थी। गुन्नौर कोतवाली क्षेत्र के कस्बा बबराला में रहने वाली 15 साल की छात्रा आंचल गोस्वामी ने स्वतंत्रता दिवस से 1 दिन पहले यानी 14 अगस्त को आत्महत्या कर ली थी आत्महत्या से पहले उसके द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम लिखा गया 19 पेज का सुसाइड नोट मिला है इसमें आंचल ने घर परिवार नहीं बल्कि देश और समाज के हालात पर चिंता जाहिर की बढ़ते प्रदूषण और बढ़ती जनसंख्या जैसे मुद्दे उठाकर प्रधानमंत्री से समाधान की उम्मीद जताई अब परिजन आंचल का खत प्रधानमंत्री तक हर हाल में पहुंचाने की बात कह रहे हैं आंचल ने सुसाइड नोट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ करते हुए लिखा है कि देश में कई पीएम हुए पर माननीय प्रधानमंत्री जी आप जैसा कोई नहीं यह देश वर्षों से अंधेरे में था और आप पहले सूर्य बनकर उभरे हैं प्रधानमंत्री जी मैं आपसे मिलकर विभिन्न मुद्दों पर बात करना चाहती थी पर यह संभव नहीं है श्री राम मंदिर का शिलान्यास का बरसों से अधूरे पड़े कार्यों को आपने पूर्ण किया भारत तो औषधि का देश है पर अब प्रदूषित हवा हर जगह फैल रही है प्रधानमंत्री जी क्या आप मेरी इच्छाओं को पूर्ण कर सकेंगे सुसाइड नोट में छात्रा ने लिखा कि मुझे यह दुनिया पसंद नहीं है क्योंकि यहां पर लोग झगड़े करते हैं मां-बाप को वृद्ध आश्रम भेज देते हैं उनके साथ गाली-गलौज मारपीट करते हैं लोग पेड़-पौधे अपने हितों के लिए काटते हैं वह जानवरों पर अत्याचार करते हैं जो लोग मांसाहार का सेवन करते हैं ऐसे लोग मुझे बुरे लगते हैं नफरत है ऐसे लोगों से जो अपने राष्ट्रगान पर खड़े होने से कतराते हैं देश विरोधी गतिविधियों में हिस्सा लेते हैं ऐसे लोगों को देश से निकाल देना जरूरी है सुसाइड नोट में छात्रा ने अपनी मौत के लिए किसी को जिम्मेदार नहीं ठहराया है।

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