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गन्ना किसानों की समस्याओं को लेकर भारतीय किसान सघं द्वारा आयोजित की गई बैठक


बैठक में भारतीय किसान संघ ने गन्ने का मूल्य ₹400 प्रति कुंतल करने की सरकार से मांग उठाई
       बिलारी । गूगल मीट के माध्यम से प्रान्तीय उपाध्यक्ष  संजीव जी की अध्यक्षता में  भारतीय किसान संघ मेरठ प्रान्त कार्यकारिणी की दो दिवसीय महत्वपूर्ण बैठक के का आयोजन किया। जिसमे मुख्य अतिथि द्विप्रदेशीय संगठन मंत्री शिवकांत दीक्षित रहे।  दो दिवसीय बैठक का संचालन प्रान्तीय महामन्त्री राज सिंह चौहान ने किया। बैठक के अंतिम दिन यानी आज दिन मंगलवार को सरकार द्वारा 3 साल से गन्ना मूल्य में वृद्धि नही किये जाने ,14 दिन में गन्ना भुगतान नही जाने पर  होना और गन्ना सट्टा पर्ची में हो रही अनियमतायें आदि विषयों पर कार्यकर्ताओं ने अपनी नाराजगी जताते हुए अपने विचार रखकर गन्ना मूल्य वृद्धि के लिये आपसी सहमिति से प्रान्त के 14 जिलों में आन्दोलन करने की नीति बनाई गई।
 बैठक में मुख्य अतिथि शिवकांत दीक्षित ने कहा कि
पश्चिम यूपी देशभर में सबसे गन्ना उत्पादक किसानों का क्षेत्र है इस पूरे इलाके में किसान मुख्य रूप से गन्ना की खेती करते हैं हालांकि गन्ना क्षेत्र बागपत और शाहजहांपुर, गोंडा और सीतापुर तक फैला हुआ है यूपी के इस क्षेत्र में मुख्य रूप से गन्ना की खेती करते है और इस पर ही निर्भर है। किसानों ने लॉकडाउन में भी अपने परिश्रम से देश और प्रदेश की मुद्रास्फीति अभूतपूर्ण योगदान दिया। लॉक डाउन में घोषित हुए राहत पैकेज में किसान को छोड़कर सभी वर्गों को सरकार द्वारा लाभ प्राप्त हुआ। इस लिये सरकार को गन्ना किसानों के हितों को देखते हुए लागत के अनुसार उसका लाभकारी मूल्य देना चाहिये इसके लिये भारतीय किसान संघ सरकार से मांग करता है गन्ना किसानों उचित लाभकारी शीघ्र दिया जाए।
प्रान्तीय महामन्त्री राज सिंह चौहान नेकहा कि पश्चिम यूपी में 126 विधानसभा सीटों में से बीजेपी ने 2017 में 109 सीटें इन्ही गन्ना किसानों के कारण जीती थी। शेष अन्य दलों ने लेकिन इसके बावजूद  उत्तर प्रदेश सरकार ने चार साल से गन्ना के मूल्य में किसी तरह की कोई बढ़ोतरी नही की हैऔर प्रदेश के किसानों के गन्ने का 10,176 करोड़ भुगतान भी बकाया है।जिस कारण गन्ना किसानों में सरकार के प्रति रोष व्याप्त है।और कहा कि किसान को उम्मीद थी कि उसको भाजपा सरकार के वादों के अनुसार फसल की लागत का डयोढ़ा (डेढ़ गुना) मूल्य मिल जाएगा और उसकी आय दोगुनी भी हो जाएगी लेकिन ऐसा नही हुआ।सरकार की कथनी करनी का प्रतिबिंब स्पष्ट दिखाई देता है।
साल 2019 लोकसभा चुनाव में गन्ना किसानों का समर्थन पाने के लिए केंद्र सरकार ने भी राहत पैकेज का ऐलान किया था। जिसका सियासी फायदा भी उनको मिला था।उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में महज  6 माह का समय बाकी है। उत्तर प्रदेश सरकार ने चार साल में 10 रुपये बढ़ाए,गन्ना किसानों को गन्ने की रिजेक्टेड वैरायटी के लिए 310, सामान्य प्रजाति के गन्ने के लिए 315 और अगैती प्रजाति के लिए 325 रुपये प्रति क्विंटल का भाव दिया।
.वहीं विगत शासन में गन्ने के मूल्य में 27 प्रतिशत वृद्धि की गई। विगत सरकार ने पांच साल में दो बार में कुल 65 रुपये प्रति क्विंटल गन्ने का राज्य परामर्शी मूल्य बढ़ाया था। शाहजहांपुर शोध संस्थान की सलाकार समिति  ने गन्ने के लागत को 365 रुपये माना है परंतु किसानों की लागत 365 रुपये से भी अधिक है। अब जबकि खाद,बीज,कीटनाशक,डीजल और बिजली की दरों में वृद्धि निरन्तर जारी है,जिस कारण गन्ना किसान कर्ज में डूबता जा रहा है। इसलिये भारतीय किसान संघ मेरठ प्रान्त किसानों को हितो को ध्यान में रखकर केन्द्र सरकार की गन्ना मूल्य निर्धारण नीति के आधार पर ही उत्तर प्रदेश सरकार से गन्ना मूल्य कम से कम 400 रुपये कुन्तल करने की मांग करता है। भारतीय किसान संघ मेरठ प्रान्त माँग पूरी कराने के लिये आंदोलन रणनीति के तहत प्रान्त के सभी जिलों माननीय मुख्यमंत्री के नाम से सर्वप्रथम ज्ञापन देगा। यदि आवश्यकता हुई तो आंदोलन को विस्तार करने में कोई कसर नही छोड़ेगा।
प्रदेश गन्ना संयोजक श्यामवीर त्यागी जी ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार 780 कुन्तल की उपज की उपज मानकर सट्टा का निर्धारण करती है जबकि उपज इससे कंही अधिक इसलिये 900 कुंतल उपज को आधार मानकर सट्टा पर्ची का निर्धारण करें।
प्रान्तीय उपाध्यक्ष संजीव जी ने कहा कि सरकार गन्ना मूल्य में वृद्धि करे और प्रान्त की सभी चीनी मिलों का पेराई  सत्र 15 अक्टूबर से प्रांम्भ करें ताकि छोटे किसानों को गेँहू आदि की बुआई पर्याप्त समय मिल सके प्रान्त में जिन चीनी मिलों की पेराई क्षमता उत्पादन से कम उनकी पेराई क्षमता समय से पूर्व बढ़ा दी जाय। इस बैठक में अखिल भारतीय संगठन मन्त्री दिनेश  कुलकर्णी,अखिल भारतीय सह जैविक प्रमुख धर्मपाल सिंह, प्रान्तीय मंत्री कुलदीप सिंह,प्रान्तीय कार्यालय मंत्री नरेन्द्र सिंह,मन्त्री दुष्यन्त , प्रांत जैविक प्रमुख जुगनेश राघव,  भारतीय किसान संघ मुरादाबाद के जिलाध्यक्ष चौधरी जितेंद्र सिंह, भारतीय किसान संघ युवा प्रमुख मुरादाबाद  शिवराज राठी, तेजभान  सिंह जिला मंत्री भारतीय किसान संघ मुरादाबाद आदि कार्यकर्ताओं सहित  विकास खंडो के सैंकड़ो कार्यकर्ता उपस्थित रहे।

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