बिलारी। भारतीय किसान यूनियन अराजनीतिक के पदाधिकारियों ने मांगों को लेकर प्रधानमंत्री को संबोधित ज्ञापन जिला प्रशासन को सौंपा। जिसमें संसद में पास किए गए किसान विरोधी विधेयक की घोर आलोचना की गई है। इसके अलावा किसानों ने हाईवे जाम कर नारेबाजी की। शुक्रवार को भारतीय किसान यूनियन अराजनैतिक के जिला अध्यक्ष मनोज चौधरी के नेतृत्व में सभी किसान एसडीएम कार्यालय परिसर में धरना प्रदर्शन करके संसद में पास हुए किसान विरोधी विधेयक की आलोचना की। 12:00 बजे धरना शुरू होकर दोपहर 2:20 पर समाप्त हुआ। सभी किसानों ने 2 घंटे तक मुरादाबाद आगरा हाईवे जाम किया और सभी किसान हाईवे पर बैठ गए और मांगों के लिए नारेबाजी करते रहे। बाद में जिला प्रशासन में एडीएम प्रशासन लक्ष्मी शंकर सिंह, एसडीएम प्रबुद्ध सिंह, कोतवाली प्रभारी मदन मोहन चतुर्वेदी सहित भारी पुलिस बल की मौजूदगी में ज्ञापन सौंपा गया। दिए गए ज्ञापन में केंद्र सरकार द्वारा 5 जून को लागू किए गए अध्यादेशों का देश के किसान विरोध कर रहे हैं। वहीं सरकार द्वारा इन अध्यादेशों को एक देश एक बाजार के रूप में कृषि सुधार की दिशा में एक बड़ा कदम बता रही है। वहीं भारतीय किसान यूनियन इन अध्यादेशों को कृषि क्षेत्र में कंपनी राज के रूप में देख रही है। कुछ राज्य सरकारों द्वारा भी इसको संघीय ढांचे का उल्लंघन मानते हुए इन्हें वापस ले जाने की मांग कर रही है। देश के अनेक हिस्सों में इसके विरोध में किसान आवाज उठा रहे हैं। किसानों को इन कानून से कंपनी की बंधुआ बनाए जाने का खतरा सता रहा है। किसी में कानून नियंत्रण मुक्त विपणन भंडारण आयात निर्यात किसान हित में नहीं है। इसका खामियाजा देश के किसान विश्व व्यापार संगठन के रूप में भी भुगत रहे हैं। देश में वर्ष 1943-44 में बंगाल के सूखे के समय ईस्ट इंडिया कंपनी के अनाज भंडारण के कारण 40 लाख लोग भूख से मर गए थे। समर्थन मूल्य कानून बनाने जैसे कृषि सुधारों से किसान का बिचौलियों और कंपनी द्वारा किया जा रहा अति शोषण बंद हो सकता है और इस कदम से किसानों की आय में वृद्धि होगी। भारतीय किसान यूनियन शुक्रवार को उत्तर प्रदेश के जिला मुख्यालयों पर विरोध प्रदर्शन के माध्यम से मांग करती है कि कृषक सशक्तिकरण और संरक्षण कीमत आश्वासन एवं कृषि सेवा पर करार अध्यादेश 2020, कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य संवर्धन और सरलीकरण अध्यादेश 2020, आवश्यक वस्तु अधिनियम संशोधन अध्यादेश 2020 कृषि और किसान विरोधी तीनों अध्यादेशों को तुरंत वापस लिया जाए। न्यूनतम समर्थन मूल्य को सभी फसलों पर (फल और सब्जी) लागू करते हुए कानून बनाया जाए। समर्थन मूल्य से कम पर फसल खरीदी हो अपराध की श्रेणी में शामिल किया जाए। ज्ञापन में जिला अध्यक्ष मनोज चौधरी, तहसील अध्यक्ष रनवीर सिंह यादव, ब्लॉक अध्यक्ष बिलारी जितेंद्र सिंह, जिला प्रवक्ता जयवीर सिंह, ब्लॉक अध्यक्ष कुंदरकी प्रेमपाल सिंह, जिला उपाध्यक्ष अमित चौधरी के हस्ताक्षर थे। प्रशासन के आह्वान पर सभी किसानों ने जाम किया गया हाईवे खोल दिया और सभी किसान अपने अपने ट्रैक्टरों में सवार होकर अपने घरों को रवाना हो गए।